अलबेला रघुवर आवे जी
Wiki Article
यह एक लोकगीत हैं जो मैथिली संस्कृति का प्रतिबिंब हैं. इसमें बड़ा भावना का विवरण मिलता हैं.
यह लोकगीत अम्मी और बापू के प्यार को जागरूककरने लायक है. इस लोकगीत में सभी मनुष्य की भावना को बेहद खूबसूरती से होता है.
यह लोकगीत हर उम्र के लोगों को खुशी देता हैं.
मैथिली सामाजिक विवाह गीत: अलबेला रघुवर आयो जी
यह एक पुरानी प्राचीन मैथिली सामाजिक गीत है जो वैवाहिक के के साथ होता है। उसका गीत कभी विवाह में गाया जाता था जबकि कन्या का स्थान उत्तरी जीवन में जा रही थी। इसके पंक्तियों में विवरण होती हैं जो दूसरे की रिश्ते के बारे में बताती हैं। यह गीत |
जयश्री मिश्र का अलबेला रघुवर आयो जी
अद्भुत संगीत प्रस्तुत करता है जयश्री मिश्र का अलबेला रघुवर आयो जी. यह सुंदर संगीत आपकी जीवनशैली को आपके साथ जुड़ता है. यह गूढ़ गीत आपके जीवन को सुखदायक करता है.
बिहार की परंपरा में अलबेला रघुवर आयो जी
पारंपरिक बिहार में, अलबेला रघुवर आयो जी अच्छे देवता हैं। उनका जन्म बिहार के क्षेत्र में हुआ था। लोगों उन्हें वंदना करते हैं मैथिली पारंपरिक विवाह गीत और उनकी भाग्य से समृद्धि प्राप्त करने की कामना करते हैं। अलबेला रघुवर आयो जी का चमत्कारी कहानी बिहार की परंपरा में गहराई से जुड़ा है।
उनके बारे में गीत पीढ़ी दर पीढ़ी {संरक्षित जाते हैं।
वेद में विवाहित होने का त्यौहार
विवाह के उत्सव में बजने वाला अलबेला रघुवर आयो जी, यह सुनकर हर किसी की हृदय कांप उठा. यह अलबेला एक ऐसा संगीत है जो विवाह के गीतों से भरपूर होता है. जब यह रघुवर आयो जी, अपनी गीत से, तो पूरा मंडप एक अलग ही खुशी से भर जाता है.
{यह अलबेला रघुवर आयो जी की विशिष्टता है यह एक भाव व्यक्त करता है. हर ध्वनि में विवाह के विवेक का पता चलता है.
अलबेला रघुवर आयो जी
यह एहिका मैथिली लोकगीत यात्रा है जो हज़ारों वर्षों से जनमानस में जीवंत रहा है। यह कथा धर्म और प्यार की कहानियों से प्रचारित हुआ है। लोकगीतकारों ने इस संगीत को बेहतर बनाया है और आजकल इसे गुनगुनाना एक प्रसन्नतापूर्ण अनुभव है।
- लोकगीत में
- विषयों का